Tuesday, June 14, 2022

यादगार दिन ,मुंबई भ्रमण का

कभी कभी हम कहीं बाहर जाते हैं तो नई जगह पर ओटो ‘ टेक्सी या बस का सफ़र भी करना ही होता है और नए शहर की कुछ नई यादों को हम अपनी झोली में भर लाते हैं,लेकिन कभी कभी कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं कि अनजाने में ही छोटा सा सफ़र भी यादगार बन जाता है ।कुछ ऐसा ही कल हुआ । आजकल मैं सपत्नी मुंबई में बेटे के पास आया हूँ ।सनातन धर्मावलम्बी होने के कारण कभी कभी मंदिर दर्शन के विचार भी प्रबल हो जाते हैं तो मैं मंदिर भी चला जाता हूँ। मुंबई में भी सिद्धि विनायक और महालक्ष्मी मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं अतः मुंबई के सिद्धि विनायक और महालक्ष्मी मंदिर जाने का विचार बना । हम सभी घर से दोपहर को कैब द्वारा सिद्धि विनायक मंदिर गए और वहाँ आराम से दर्शन किए। दोपहर को इसलिए ताकि अधिक भीड़ का सामना न करना पड़े,क्योंकि हमने सुना था कि सुबह शाम वहाँ बहुत भीड़ होती है और अधिक भीड़ में हो सकता है गणपति महाराज की कृपा दृष्टि हम पर कुछ कम पड़ पाए । दोपहर का निर्णय सही भी रहा क्योंकि उस समय हमें दर्शन के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी । वहाँ से महालक्ष्मी मंदिर के लिए टैक्सी से रवाना हुए तो टैक्सी में बैठते ही हमें अहसास हो गया कि यह टैक्सी ड्राइवर तो ड्राइवर के साथ साथ मुंबई दर्शन के लिए अच्छा गाइड भी है ।लगभग 15-20 मिनट के सफ़र में उसने पूरे रास्ते के इतिहास के साथ वर्तमान के दर्शन बड़े ही मज़ेदार ढंग से करा दिए । कल 13 जून तारीख़ थी जगह जगह आदित्य ठाकरे के नाम के बड़े बड़े होर्डिंग लगे थे तो उसने बताया कि आज साहिब का जन्म दिन है ।साहिब …..के नाम पर हमने उसकी तरफ़ देखा तो उसने स्पष्ट किया ,साहिब आदित्य ठाकरे का जन्म दिन है आज …. बहुत अच्छा है साहिब …. बहुत काम कराया है मुंबई में ….. महाराष्ट्र का भावी मुख्य मंत्री है साहिब ……। ये जो कोस्टल रोड बन रहा है वो साहिब के प्रयास से बन रहा है। कई बार आधी रात को भी देखने आजाते हैं कि काम ठीक हो रहा है या नहीं अगले साल 2023 में बन कर पूरा हो जाएगा ।उसकी बातों से हम समझ गए कि यह पक्का शिव सैनिक है । रास्ते में एक पाँच मंज़िला खूब सूरत बंगले की ओर इशारा करते हुए उसने बताया कि यह बंगला मुकेश अम्बानी ने अपनी बेटी इशा अम्बानी को गिफ़्ट दिया है । तीन हज़ार करोड़ का बंगला है ।इसमें तीस कमरे हैं दो लोग रहते हैं और तीन सो नौकर है । मुझे भी एसा ससुराल मिल जाता तो आज टैक्सी नहीं चलाता …….। थोड़ी दूर पर ही रेसकोर्स फ़ील्ड था उसे देखते ही बोला यहाँ पर कुछ गधे,घोड़ों पर रुपए लगा कर घोड़े के जीतने की उम्मीद करते हैं। हमें आश्चर्य हुआ कि यह क्या कहा रहा है । उसने स्पष्ट किया कि यहाँ घोड़ों की रेस होती है ।लोग घोड़ों पर इस उम्मीद में पैसा लगाते हैं ,कि उनका घोड़ा जीतेगा …… वह आगे बोला कि यदि जिताना ही है तो स्वयं को जिताओ घोड़े को क्या जिताना ….?वास्तव में उसकी बात में दम था । मैंने मन ही मन सोचा अगर यह बात घोड़े पर पैसा लगाने वाले लोगों की समझ में आ जाए तो घुड़ दौड़ की यह दुकान ही बंद हो जाएगी । रास्ते में दिखाई देती अधिकांश बंगले और बिल्डिंगों के बारे में भी पूरा लेखा जोखा उससे पास था चाहे वो किसी फिल्म के ऐक्टर का हो या किसी अन्य का ।रास्ते में भीड़ को देख उसने बताया यहाँ पास ही लता जी का घर है यहाँ से ब्रिज बनना था लेकिन लता जी ने कोर्ट में केस कर दिया ,लेकिन अब वे तो नहीं हैं मगर कोर्ट में केस चल रहा है । दूर सामने एक ऊँची सी बिल्डिंग देख कर वह बोला वो बिल्डिंग मुकेश अम्बानी की है वहाँ तीन सो कमरे हैं दो लोग रहते हैं हेलीपेड भी है । उसके ड्राइवर को भी साढ़े तीन लाख रुपए महीने मिलता है मेरी घरवाली को मैं एक लाख रुपए भी दे दूँ तो एक साल का राशन लाकर घर में भर लेगी । वह बोला आपको मालूम है महा लक्ष्मी मंदिर से सुबह पाँच बजे लक्ष्मी जी अम्बानी के घर चली जाती हैं और रात को नो बजे तक वहीं रहती हैं लक्ष्मी जी ……! और अब सरकार भी उनकी है इसलिए सबसे ज़्यादा अच्छे दिन उनके ही आयें हैं।महालक्ष्मी मंदिर पहुँच कर हमने देखा कि मंदिर के बाहर से ही अम्बानी की बिल्डिंग दिखाई दी,तब हमें समझ आई उसकी बात । इस थोड़ी सी देर का यह सफर एक यादगार सफर बन गया । एक आम आदमी की समझ…… सोच…जो जीवन को वास्तव में स्वयं के बल पर जीता है स्वयं की मेहनत से रोज़ नित नए घरोंदे बनाता है । डा योगेन्द्र मणि कौशिक कोटा 14/06/2022

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