Monday, March 23, 2009

करंट ........बिना बिजली के

करंट ........बिना बिजली के
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सुबह-सुबह भैय्या जी का फ्यूज बल्ब सा चेहरा देख के हम चौंके ।हमेशा चहचहाने वाले भैय्या जी ने आज भला किसका मूँह देख लिया जो लुटे- पिटे से नजर आ रहे हैं।इससे पहले कि हम कुछ पूछते वे चालू हो गये-क्या बतायें साहब गाँव से हमारा भतीजा बिजली का बिल लेकर आया है कहता है कुछ करो....समझ नहीं आता क्या करें ,कैसे करें ...?हमने तपाक से कहा इसमें सोचना क्या है, बिल आया है तो दफ्तर में जा कर जमा करवाओ बस आसान सा रास्ता है।हमारे इतना कहते ही वे उखड़ गये-क्यों करवा दें बिल जमा ...आखिर हमने किसी का क्या बिगाड़ा है जो बिना बात ही बिल जमा करवाऐं...?
हम चकराये,हमने समझाते हुऐ कहा -भैय्या जी आप भी कैसी बच्चॊं जैसी बातें करते हो ।बिल जमा नहीं कराना अच्छी बात नहीं है।अब जब हम बिजली का उपयोग करते हैं तो बिल तो देना ही होगा ।वह एक अलग बात है कि यदि कहीं कोई गलती है बिल में तो उसकी शिकायत की जा सकती है लेकिन यह क्या,कि बिल ही जमा नहीं करेगें ।लेकिन भैय्या जी हैं तो ओर तैश में आ गये-_क्यॊं करायें बिल जमा ।जब लाइट ही नहीं जलाई ...? अभी तो घर में लाइट लगी ही नहीं फिर भला लाइट का बिल कैसा...?
अब हमें सारा माजरा समझ में आया कि भैय्या जी का चेहरा क्यों फूला हुआ है।लेकिन आश्चर्य की बात तो यह थी कि बिना लाइट कनेक्शन के ही बिल ..?बात कुछ हजम होने वाली भी नहीं है ।तभी पास ही बैठे जुम्मन चाचा ने उन्हें शांत करते हुऐ बताया-हम बताते हैं आपको..हुआ ये कि गलती से इनके भाईसाहब ने राजीव गाँधी विद्युतिकरण योजना में निशुल्क कनेक्शन के लिऐ फार्म भर दिया था जो आज इनके गले की हड्डी बन गया है।इधर इन्होंने आवेदन किया कि विद्युत विभाग ने लाइट कनेक्शन के स्थान पर बिल पहले थमा दिया कनेक्शन शायद बाद में देगें ।आखिर मार्च का महीना है...वसूली जॊ दिखानी है...?
धन्य है राजस्थान का विद्युत विभाग ...क्या फुर्ती है ।अब कोई भला कैसे कह सकता है कि सरकारी काम धीरे-धीरे होते हैं।इतनी तेज रफ्तार से तो लालू जी की रेल भी नहीं भागती होगी और न ही हिन्दुस्तान की मंहगाई ही इस रफ्तार से दौड़ पाई होगी...?गाँवों तक में इतनी फुर्ती से बिल बांटना...भई कमाल कर दिया ..? हाँ यह अलग बात है कि शहरी क्षेत्र में भले ही लोगों को बिल जमा कराने की आखरी तारीख तक भी बिल का इंतजार करना पड़ता है।
हमने भैय्याजी से पूछा-बिजली का तार ,मीटर आदि कुछ तो लगा गये होंगे लाइट वाले...?बोले -हाँ...तार और मीटर लटका है बस ...लेकिन उससे क्या.......केवल तार लटकने से ही घर में उजाला हो जाता है क्या...?
अब हम उन्हें कैसे समझते कि भैय्या ये सरकारी काम है ऐसा ही होता है।बिजली का तार भी लगा है मीटर भी लगा है ..बस यही तो करना था उन्हें ..अब तुम्हारे तार में करंट आता है या नहीं उससे भला किसी को क्या लेना देना....मीटर लगा और हो गया मीटर चालू...।उन्हें मालूम है कि खंबे से तो जिसे लाइट जलानी है वैसे ही जोड़ लेगा ,दिन में नहीं तो रात को जोड लेता होगा ....इसलिऐ कर लो वसूली....?वैसे भी यदि उन्होंने खंबे से लाइट का कनेक्शन जोड भी दिया तो भी क्या गारंटी है कि उससे तुम्हारा घर रोशनी से जगमगा जाऐगा। कनेक्शन चालू करने के बाद भी यदि लाइट नेता जी की ही तरह कभी -कभी ही दर्शन देगी तो भी कोई क्या कर लेगा क्यॊंकि गाँवों में लाइट के चरित्र से सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
गावों में लाइट के करंट का, और नेता के वादे का भला क्या एतबार...?आया-तो आया...और नहीं आया तो नहीं आया....?हाँ बिल ऐसी गुस्ताखी नहीं करेगा उसे तो आना ही है इसलिऐ आयेगा ही...और वह भी नियत समय पर गरीब के घर बिन बुलाऐ बीमारी की तरह.......।बस फिर पूरी जिंदगी यूँ ही गुजारते रहो बिजली के झटके खा- खा कर.....।
अब आप ही बताइऐ जब बिजली के दर्शन की तैयारी मात्र से झटके आने लगते हैं तो भला करंट चालू हो जाऐगा तो क्या होगा.....अब इस हकीकत का हम भी क्या करें
गाँव में खंबे तलक बिजली के लगे ही नहीं
उनके रहमो-करम से बिजली का बिल आयाहै॥

डॉ.योगेन्द्र मणि

3 comments:

  1. Yogendraji, aapka vyangya dil ko chhoo gaya,lagta hai aapke pradesh ka vidyut vibhag mere madhya pradesh ke vidyut mandal ka sahodar hai.yahan ghar-ghar men bhaiya ji hain.Behad ameer or behad garib ye donon hi bijli ka bill nahin bharte.Nuksaan ki bharpai ki jaati hai middle class se.Har maah current jhelna unki neeyati hai. Aaj pahli baar aapke blog par aaya,haqeeqaton se roobarookaraate aapke vyangya parhe,shaandar kalam hai aapki.Kabhi mere blog par bhi aaiye.

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  2. Ek sarthak mudde ko vyangya ke mudde se apne dhardar awaj di hai..badhai !!
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    गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!

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  3. अच्छी रचना के लिये बधाई स्वीकारें बंधुवर...

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